भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड

अजबपुर कलां, मोथरोवाला रोड़, देहरादून-248001

  
Image1 Image2 Image3 Image4 Image 05 Image 05

हमारे बारे में

 

 आयुर्वेदिक, यूनानी, तिब्बी एवं सिद्धा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार के साथ भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए भी कटिबद्ध है। भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड राज्य की परिधि में आयुर्वेदिक, यूनानी, तिब्बी एवं सिद्ध पद्धतियों से चिकित्सा व्यवसाय तथा भारतीय शिक्षा (आयुष) का कार्य कर रहे चिकित्सकों तथा उनके सहायकों (यथा भैषज्य कल्पक (फार्मेसिस्ट), आयुर्वेदिक परिचारिका (नर्सिंग), पंचकर्म सहायक) का पंजीकरण व भारतीय चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद डिप्लोमा पाठयक्रमों का संचालन भी करती है 

Detail
Image Image Image Image Image
ले. ज.(से.) श्री गुरमीत सिंह
माo राज्यपाल
उत्तराखण्ड
   श्री पुष्कर सिंह धामी
मा0 मुख्यमंत्री/आयुष मंत्री
उत्तराखंड
 
श्री रविनाथ रमन, आईएएस 
सचिव,आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग 
डॉ0 जे0 एन0 नौटियाल
अध्यक्ष
एम0डी0 (आयुर्वेद), पी0एच0डी0(अ0)
श्रीमती नर्वदा गुसाईं
रजिस्ट्रार
महामहिम राज्‍यपाल महोदय की सहर्ष स्‍वीकृति के उपरान्‍त उत्‍तराखण्‍ड शासन के चिकित्‍सा अनुभाग-1, की अधिसूचना / प्रकीर्ण संख्‍या 1564/XXVIII(1)-2004-27/2003 दिनांक 19 अक्‍टूबर 2004 द्वारा भारतीय चिकित्‍सा परिषद, उत्‍तराखण्‍ड का गठन हुआ। उत्तराखण्ड शासन के चिकित्सा अनुभाग-1 की अधिसूचना / प्रकीर्ण संख्या 1669/चि-1-2002-64/2002 दिनांक 07 नवम्बर 2002 द्वारा उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 87 के अधीन भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तर प्रदेश में प्रचलित संयुक्त प्रान्त (आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति) अधिनियम 1939 को महामहिम राज्यपाल जी की सहर्ष निर्देर्शों के उपरान्त उत्तराखण्ड (संयुक्त प्रान्त भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1939) अनुकूलन एवं उपान्तरण का आदेश 2002 लागू किया गया। उत्तराखण्ड (संयुक्त प्रान्त भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1939) अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश 2002 के भाग-2 नियम-5 के उपनियम-1 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए महामहिम राज्यपाल जी द्वारा बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में डा0 पारस कुमार जैन सहित पांच अन्य सदस्यों को दिनांक 19 अक्टूबर 2004 के आदेशों द्वारा नामित किया गया। भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड एक स्ववित्त पोषित स्वायतशासी संस्था है। जो अपने संसाधन से ही संचालित है। भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड आयुर्वेद, यूनानी, तिब्बी एवं सिद्धा पद्धति के क्षेत्र में कार्य करते हुए उत्तराखण्ड शासन एवं भारत सरकार द्वारा समय-समय पर प्राप्त निर्देशों के अनुरूप में कार्य कर रही है।